तुम से कुछ भी न मेरे दर्द का चारा होगा.....
बेकसी होगी और एक दर्द का मारा होगा ,
रूठ जाये ये जमाना नही उस की परवाह .
तुम जो रूठे तो मेरा कैसे गुजरा होगा ,
नज़्र कर ने के लिये दिल की हकीकत क्या है .
जन दे दूगा अगर उनका इशारा होगा ,
बहारे तूफाँ से न डर हर न हिम्मत से दिल .
इन्ही मौजो में कही ढूढा किनारा होगा ,
ना खुदा भी है मुखालिव और खुदा भी खामोश .
डूबने बाले को फ़िर किस का सहारा होगा ,
एक दिन तुझ को भी बुलाएँगे दोस्त .
मोज पे जब तेरी किस्मत का सितारा होगा ,........ आई मिस यू
I am truely impressed with your writing skill
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