शुक्रवार, मार्च 20

"मन के दिल से "


तुम से कुछ भी न मेरे दर्द का चारा होगा.....


बेकसी होगी और एक दर्द का मारा होगा ,


रूठ जाये ये जमाना नही उस की परवाह .


तुम जो रूठे तो मेरा कैसे गुजरा होगा ,


नज़्र कर ने के लिये दिल की हकीकत क्या है .


जन दे दूगा अगर उनका इशारा होगा ,


बहारे तूफाँ से न डर हर न हिम्मत से दिल .


इन्ही मौजो में कही ढूढा किनारा होगा ,


ना खुदा भी है मुखालिव और खुदा भी खामोश .


डूबने बाले को फ़िर किस का सहारा होगा ,


एक दिन तुझ को भी बुलाएँगे दोस्त .


मोज पे जब तेरी किस्मत का सितारा होगा ,........ आई मिस यू


गुरुवार, मार्च 19

"दोस्त"


विश्वास के कोमल धागों से है बनता रिश्तोंका संसार !
ज्ञान नही धन नही प्रेम है जीवन का आधार ...!!

जो प्रेम स्वार्थ की सीमाओं से परे करे वो दोस्त !
खली जीवन को स्वर्णिम लम्हों से करें ,हरे भरे वो दोस्त ...!!

वो दोस्त ,समझ हो जिसे दोस्त की हर धड़कन की !
वो दोस्त समझ हो जिसे इस अटूट वन्धन की ...!!

यह तन नश्वर ,जीवन नश्वर है नश्वर यह संसार !
जो मिटे नही , रहे अमर सदा वो है दोस्ती एक अमूल उपहार .........!!





सोमवार, मार्च 9

"दर्दे दिल "


जब तुझे दिल से भुलाने की कसम खाई है ,

और भी ज्यादा तेरी याद आई है ।


बात करता हूँ तो जल उठ ता है पहलू अपना,

आह भरता हूँ तो अन्दसे कस्बाई है ।


शहमे हुए आंसू है मेरी आंखों मैं ,

डरते डरते मेरे होंठों पे हँसी आई है .


देखें किस तरह पहुचंगे किनारे,

नाब तूफ़ा मैं है मल्ल्हा को नीद आई है .


इन्क्लाबत ने यू अजब गुलिस्तान बदला ,

फूल मुरझा गए होंठों पे बहार आई है .

"दास्ताँ ऐ दिल "


चिरागे मोहब्बत बुझा तो ना दोगे,

मेरी जिंदगी को मिटा तो न दोगे.


चुने है जो तिनके नशेमान के मैंने ,

बतादो मुझे तुम जला तो न दोगे .


तुम ही हो मोहब्बत तुम ही जिंदगी हो ,

मुझे दिल से भुला तो न दोगे.


सुना दू अगर दास्ताँ मुसीबत ,

तुम अश्को के दरिया बहा तो ना दोगे.


जरा सोचलो दिल लगाने से पहले ,

कही अब मुझे तुम दगातो ना दोगे .


है गम दिल को सिर्फ़ इस बात का अब ,

मुझे तुम हँसा कर रुला तो न दोगे .