शुक्रवार, मार्च 20

"मन के दिल से "


तुम से कुछ भी न मेरे दर्द का चारा होगा.....


बेकसी होगी और एक दर्द का मारा होगा ,


रूठ जाये ये जमाना नही उस की परवाह .


तुम जो रूठे तो मेरा कैसे गुजरा होगा ,


नज़्र कर ने के लिये दिल की हकीकत क्या है .


जन दे दूगा अगर उनका इशारा होगा ,


बहारे तूफाँ से न डर हर न हिम्मत से दिल .


इन्ही मौजो में कही ढूढा किनारा होगा ,


ना खुदा भी है मुखालिव और खुदा भी खामोश .


डूबने बाले को फ़िर किस का सहारा होगा ,


एक दिन तुझ को भी बुलाएँगे दोस्त .


मोज पे जब तेरी किस्मत का सितारा होगा ,........ आई मिस यू


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