सोमवार, मार्च 9

"दास्ताँ ऐ दिल "


चिरागे मोहब्बत बुझा तो ना दोगे,

मेरी जिंदगी को मिटा तो न दोगे.


चुने है जो तिनके नशेमान के मैंने ,

बतादो मुझे तुम जला तो न दोगे .


तुम ही हो मोहब्बत तुम ही जिंदगी हो ,

मुझे दिल से भुला तो न दोगे.


सुना दू अगर दास्ताँ मुसीबत ,

तुम अश्को के दरिया बहा तो ना दोगे.


जरा सोचलो दिल लगाने से पहले ,

कही अब मुझे तुम दगातो ना दोगे .


है गम दिल को सिर्फ़ इस बात का अब ,

मुझे तुम हँसा कर रुला तो न दोगे .

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