सोमवार, फ़रवरी 23

tasvir

एक तस्वीर खावों मैं आती रही !

उसे देख कर जिंदगी मुस्कुराती रही !!


कर गई मुझसे कई अनसुलझे सवाल !

पर मुझको अपनी याद दिलाती रही !!


जब दिल ने उसे करीब से छूना चाहा !

तो बो मुस्कुराकर ओझल हुई !!


हम ढूँढते रहे उसे जिंदगी के अंधेरों मैं !

पर एक नई राह ज़िन्दगी को दिखाती रही !!


ये मेरा वहम था या ज़िन्दगी की हकीकत !

के उसकी याद hamasa

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