एक तस्वीर खावों मैं आती रही !
उसे देख कर जिंदगी मुस्कुराती रही !!
कर गई मुझसे कई अनसुलझे सवाल !
पर मुझको अपनी याद दिलाती रही !!
जब दिल ने उसे करीब से छूना चाहा !
तो बो मुस्कुराकर ओझल हुई !!
हम ढूँढते रहे उसे दर व दर जिंदगी के अंधेरों मैं !
पर एक नई राह ज़िन्दगी को दिखाती रही !!
ये मेरा वहम था या ज़िन्दगी की हकीकत !
के उसकी याद hamasa
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