मंगलवार, फ़रवरी 10

ज़िन्दगी


तुम से मिल कर ये ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी !


दिल की बात जुबां पर आने लगी !!


सोचा न था यु कोई मिल जायगा !


की कोई फूल राहों मैं खिल जाए गा !!


इतना दूर रहकर भी आपना हो जायगा !


मिटादो ये दूरिया तो इस दिल को भी सकूँ मिल जाएगा !!

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