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"मन से "
सोमवार, फ़रवरी 16
"एक सच जिंदगी का "
जो
बीत
गए
है
बो
ज़माने
नही
आते!
आते
है
नए
लोग
पुराने
नही
आते
!!
कि
मुद्दत
हुई
उस
पेड
की
हर
साख
को
सूखे
!
की
पंछी
भी
अब
तो
रात
बिताने
नही
आते
!
1 टिप्पणी:
Apanatva
5 अगस्त 2009 को 9:53 pm बजे
bilkul sahee.
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