सोमवार, फ़रवरी 16

"एक सच जिंदगी का "

जो बीत गए है बो ज़माने नही आते!

आते है नए लोग पुराने नही आते !!


कि मुद्दत हुई उस पेड की हर साख को सूखे !

की पंछी भी अब तो रात बिताने नही आते !

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